Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
Details, Fiction and shiv chalisa in hindi
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
नमो नमो दुर्गे सुख करनी। नमो नमो दुर्गे दुःख हरनी॥ निरंकार है ज्योति तुम्हारी। तिहूँ लोक फैली उजियारी॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
जरत सुरासुर भए विहाला ॥ कीन्ही दया तहं करी सहाई ।
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान शिव को shiv chalisa lyricsl आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
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जो कोई जांचे सो फल पाहीं ॥ अस्तुति केहि विधि करैं तुम्हारी ।
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीस।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन